Friday, June 17, 2022

अग्निपथ भर्ती योजना में हुआ बदलाव

अग्निपथ भर्ती योजना के खिलाफ गुरुवार को कई राज्यों में युवा सड़कों और रेलवे ट्रैकों पर उतर गए। अग्निवीर के रूप में चार वर्षों तक सैन्य सेवा के बाद के भविष्य को लेकर सशंकित युवाओं ने कई जगहों पर योजना के खिलाफ प्रदर्शन किया। युवाओं की भीड़ उग्र हो गई और जमकर उत्पात मचाया। गुरुवार को भारी विरोध के बीच सरकार ने भर्ती योजना के पहले बैच के लिए आयु सीमा में बदलाव करने की घोषणा की है। 

केंद्र ने गुरुवार को पूरे दिन योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अग्निपथ भर्ती योजना के पहले बैच के लिए ऊपरी आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है। 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती के लिए आयु में छूट सिर्फ एक बार दी जाएगी। पहले इस योजना के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष निर्धारित की गई थी। योजना की घोषणा के दो दिनों के भीतर अपने पहले संशोधन में केंद्र ने कहा, 'इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए कि पिछले दो साल के दौरान भर्ती करना संभव नहीं था, सरकार ने यह फैसला किया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती प्रक्रिया में एकमुश्त छूट दी जाएगी।'

देश के कई शहरों में गुरुवार को हुआ प्रदर्शन
अग्निपथ योजना की घोषणा केंद्र सरकार ने मंगलवार को की थी, लेकिन गुरुवार को इस योजना के खिलाफ देश के कई शहरों में युवाओं ने प्रदर्शन किया था। जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, एमपी और उत्तराखंड का नाम सबसे आगे रहा। बिहार में युवाओं ने आगजनी करते हुए ट्रेन की बोगियों में आग लगा दी। इसे देखते हुए कई ट्रेन के परिचालन का समय भी बदलना पड़ा।

सरकार ने जारी किए कई स्पष्टीकरण

  • पिछले दो वर्षों से सेवारत सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ व्यापक परामर्श।
  • यह प्रस्ताव सैन्य अधिकारियों द्वारा नियुक्त सैन्य अधिकारियों के विभाग द्वारा तैयार किया गया है।  विभाग स्वयं इसी सरकार की देन है। 
  • कई पूर्व अधिकारियों ने योजना के लाभों को पहचाना और इसका स्वागत किया।
  • इस तरह की अल्पकालिक भर्ती प्रणाली अधिकांश देशों में मौजूद है और इसलिए पहले से ही परीक्षण किया जा चुका है और एक युवा और चुस्त सेना के लिए सर्वोत्तम अभ्यास माना जाता है। 
  • पहले वर्ष में भर्ती किए जाने वाले अग्निशामकों की संख्या सशस्त्र बलों का केवल 3 प्रतिशत होगी। 
  • इसके अतिरिक्त, चार साल बाद सेना में फिर से शामिल होने से पहले अग्निवीरों के प्रदर्शन का परीक्षण किया जाएगा। इसलिए, सेना उनका परीक्षण करेगी और पर्यवेक्षी रैंक के लिए प्रयास करेगी।
  • यह भारतीय सशस्त्र बलों के लोकाचार और मूल्यों का अपमान है। 
  • चार साल तक वर्दी पहनने वाले युवा जीवन भर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। 
  • अब भी, हजारों सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त होते हैं, कौशल आदि के साथ सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन उनके राष्ट्र विरोधी ताकतों में शामिल होने का कोई उदाहरण नहीं है।

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